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नई दिल्ली4 मिनट पहले
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आरोपी 2019 से इस केस में जेल में बंद है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने 16 साल की लड़की से रेप के आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया। आरोपी ने कोर्ट में दलील दी थी कि वह 2019 से हिरासत में है। जस्टिस जसमीत सिंह ने कहा कि शारीरिक संबंध बनाने के लिए नाबालिग की सहमति, कानून की नजर में सहमति नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि आरोपी ने लड़की के आधार कार्ड में जन्मतिथि बदलवाने का भी गंभीर अपराध किया है।
आरोपी ने खुद को बचाने लड़की को बालिग दिखाया
जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने कहा, “16 साल में संबंध बनाने के लिए नाबालिग की सहमति, कानून की नजर में कोई सहमति नहीं है। आरोपी 23 साल का और पहले से ही शादीशुदा है, इसलिए उसे भी जमानत नहीं दी जा सकती।” कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि आरोपी आधार कार्ड पर जन्म तिथि बदलवाकर फायदा उठाना चाहता था। ताकि आरोपी यह दिखा सके कि जब उसने लड़की से संबंध बनाए थे तब वो नाबालिग नहीं थी।
लड़की को लेकर एसडीएम ऑफिस गया
जज सिंह ने कहा, “घटना के दिन लड़की की उम्र महज 16 साल थी। आरोपी की उम्र 23 साल थी और वह पहले से ही शादीशुदा था। आरोपी ही लड़की को एसडीएम (अनुमंडलीय मजिस्ट्रेट) ऑफिस ले गया। उसने 2002 से आधार कार्ड में उसकी जन्मतिथि बदलकर 5 मार्च 2000 करवा दी। ताकि वह ये साबित कर सके कि जिस दिन शारीरिक संबंध बनाए वह नाबालिग नहीं थी।”
लड़की के पिता ने दर्ज कराई थी FIR
लड़की के पिता की शिकायत पर 2019 में FIR दर्ज की गई थी। पिता ने कहा था कि उनकी बेटी गायब है। बाद में उत्तर प्रदेश के संभल जिले से लड़की का पता लगाकर उसे वापस लाया गया। लड़की ने मजिस्ट्रेट के सामने कहा कि आरोपी उसका बॉयफ्रेंड था और वह उसके साथ करीब डेढ़ महीने तक रही। उसने लड़की सहमति से शारीरिक संबंध बनाए थे क्योंकि वह उसके साथ रहना चाहती थी।
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